अभी अभी आए एक एस एम एस ने मुझे भीतर तक तोड़ कर रख दिया है: "Kartik passed away in delhi day before yesterday night suddenly and peacefully. Manish"
प्रिय मित्र मनीष जोशी जिन्हें ब्लॉगजगत के लोग जोशिम के नाम से जानते हैं, का छोटा बेटा कार्तिक नहीं रहा. चट्टान जैसा कलेजा रखने वाले मनीष भाई ने लम्बे समय तक असाध्य रोग से ग्रस्त कार्तिक के बारे में जितना बतलाया था, उस से स्पष्ट था कि बच्चे के पास सीमित सांसें बची हुई हैं. उनके ब्लॉग पर यदाकदा लगने वाली उनकी बेचैन कर देने वाली कविताओं से सम्भवतः बहुत कम लोग अनुमान लगा पाते होंगे कि परदेस में रह रहा उनका पूरा परिवार कितने जीवट से एक अवश्यंभावी त्रासदी का इन्तज़ार किया करता था.
लेकिन अब जब होनी हो गई है तो मेरे गले में बहुत बड़ी फांस अटक गई है. टेलीफ़ोन पर बात करने की हिम्मत नहीं हो रही उनसे.
इसी ब्लॉगजगत के माध्यम से इस कदर संजीदा और ज़िन्दादिल इन्सान से परिचय हुआ था. मुलाकातें हुई थीं. इसी के माध्यम से आप सब को सूचित करना अपना फ़र्ज़ समझता हूं.
मनीष भाई के दुख में हम सब शामिल हैं.
और क्या कहा जा सकता है
हमारी साझा सम्वेदनाएं.
41 comments:
ओह यह अत्यंत दुखद है। बाप को बेटे की अर्थी उठानी पड़े, इससे बड़ा दुख दुनिया में कुछ भी नहीं हो सकता। ईश्वर मनीष जी और उनके परिवार को शक्ति दे कि वे इस सदमे को बर्दाश्त कर सकें। हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं।
अरे! यह क्या हो गया! बहुत दारुण समाचार है यह तो!
सम्बेदना .इसके सिवा और क्या
कल पता चला .. ईश्वर मनीष और मोना को संबल दे ...
आह ,अब ब्लाग पर अपने अनदेखे मित्रों के बाबत ऐसी दुखद सूचनायें भी देखनी पड़ेंगी.
बस इतनी प्राथना की ईश्वर शक्ति दे उन्हें इस भीषण दुःख से लड़ने की .
oh,ham sab pyare manish, ham sab.
इतना बड़ा दुख...समझ नहीं आता, कौन से शब्द हैं ऐसे में संबल के लिए
बहुत दुखद समाचार है। मनीष जी के साथ मेरी संवेदनाएँ।
घुघूती बासूती
यह अत्यंत दुखद समाचार है। ईश्वर मनीष जी और उनके परिवार को शक्ति दे कि वे इस सदमे को बर्दाश्त कर सकें। हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं।
ऐसे समाचार पर कोई संवेदना अगर शब्दों में व्यक्त हो सकती हो तो मेरी भी ...
उस बच्चे के लिए हमारी श्रद्धांजलि. मनीष जी और उनके परिवार को इश्वर शक्ति दे.
ईश्वर कार्तिक की आत्मा को शांति प्रदान करें, व मनीष जी को इस दुख को सहने की शक्ति.
bhagwan takat pradan kare aapke pariwar ko
taqleef hai sunkar ..
meri smvedanaaye bhee shamil hai, is mushkil vaqkt me
aap honslaa rakhen..
पुत्र की असामयिक मृत्यु कितनी दुखद होगी यह कल्पनातीत है। ईश्वर मनीष जी और उनके परिवार को इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति दे, यही कामना है और साथ ही बालक की आत्मा को शांति प्रदान करे।
पिता की मृत्यु पर एक मित्र को बंधाया था ढाढ़स...ये कहते हुए कि कभी नहीं मरते पिता...हमारी रगों में दौड़ते हैं खून बनकर, हमारी स्मृतियों से निकलकर, बार-बार पकड़कर उंगली, करते हैं सुगम हमारी यात्रा....पर जोशिम के दुख पर क्या कहूं....न जान न पहचान पर कलेजा फट रहा है....शोक को शक्ति बनाओ मित्र ताकि दुनिया कुछ सुंदर बन सके जिसमें शायद रहना पसंद करता कार्तिक....
दुख भारी
है लाचारी।
Maneesh bhai ,
Words are but incapable carriers of grief and sorrow we all feel on this tragic moment and i pray may He give you the strength to bear the unbearable and may u emerge stronger than ever.May God bless you my dear.
Munish
:-((
ओह !!!! अत्यंत दुखद !!
संतान के दुःख से बड़ा दुःख दुनिया में और कुछ भी नहीं होता...जाने वाला तो चला गया,पर ईश्वर उसके अभिभावकों को इस विषम क्षण में धैर्य और संबल दें ...
हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं।
दोपहर को बेजी के ईमेल से दुखद समाचार मिला, तब से बेचैन हो गया। मनीष भाई से हमेशा कार्तिक के हालचाल लिया करता था...उसकी स्थिति गंभीर थी...शाम को फोन पर बात हुई...ईश्वर की मर्जी के आगे सब बेबस हैं...
प्रभु ने शायद कुछ असाध्य ही समझा होगा...कार्तिक की सुखद स्मृतियों के साथ इस परिवार में सब सहज-सामान्य और मंगलमय हो यही प्रार्थना है...
अभी अभी ये पता चला, उनके बच्चे के बारे में उनकी बहिन से मुझे सब पता चला था, साथ ही साथ मनीष दाज्यू की जीवटता का भी पता चला। बहुत ज्यादा ही दुख हुआ ये सुनकर, कार्तिक की आत्मा को शांति के लिये प्रार्थना।
क्या कहूं. पहली बार कोइ ब्लॉग पोस्ट पढ़कर आँखें नम हों आईं. खैर एक दुसरे के दुखों में संबल बनना भी तो ब्लॉग जगत की सार्थकता ही है. इश्वर बालक के परिजनों को इसे सहने की शक्ति दे.
श्रद्धांजलि. मनीष जी और उनके परिवार को ईश्वर शक्ति दे.
yah mahabharat mein likha hai ki 6 prakaar ke shok hote hain, jinmein putra-shok mahashok hai------sabse bada shok ! yah aisa maqaam hai, jahaan bhasha nirupaay ho jaati hai aur shayad samvedana ya sahaanubhooti bhi. magar hamaare anoothe vichaarsheel mitra pankaj shrivaastav ne manish ji ko is mushkil waqt mein yah roshan khayaal sujhaaya hai ki pita kabhi nahin marte. isi rachanaatmak tark se ham yah kah sakte hain ki bete bhi kabhi nahin marte ! kaartik hamesha hamaare & manish ji ke saath rahega.
----pankaj chaturvedi
kanpur
ईश्वर मनीष जी और उनके परिवार को संबल दे।
uf...
kash...! kuchh kah ya kar paati....!
आज सुबह शिव ने जब सूचना दी तो एक एक कोई प्रतिक्रिया दे ही नहीं पाया...तुंरत कबाड़खाना खोला और स्तिथि स्पष्ट हुई...मनीष जी से मैं कभी मिला नहीं लेकिन उनकी रचनाओं और मेल के आदान प्रदान से एक भावनात्मक रिश्ता कायम हो गया था...आज इस दुखद घडी में क्या कहूँ समझ नहीं पा रहा...इश्वर मृतक की आत्मा को शांति और परिवार जन को इस सदमे को सहने की शक्ति प्रदान करे...
नीरज
behad dukh hua jaankar
क्या कहूं ... शब्द नहीं है कहने को ...
अपने पिता की याद आ गई जब उन्होंने अपने छोटे बेटे को कांधा दिया
बहुत ही दुखद: समाचार।
भगवान मनीष जी के परिवार को यह दुख सहन करने की भक्ति दे और कार्तिक की आत्मा को शान्ति दे।
बहुत ही दुखद: समाचार।
भगवान मनीष जी के परिवार को यह असहनीय दुख सहन करने की शक्ति दे और कार्तिक की आत्मा को शान्ति दे।
अभी-अभी पता चला इस दुःख के बारे में। मन क्लान्त हो उठा। ईश्वर कार्तिक की आत्मा को शान्ति दे। जोशिम जी को यह दुःख सहने की धीरता और शक्ति दे। हार्दिक संवेदनाएं।
ओह! ओह! मैं स्तब्ध हूं ! ईश्वर उन्हें यह महादुख सहने का सामर्थ्य दे!
मनीष जी, हम सब जानते हैं दुनिया की कोई सहानुभूति आपके परिवार के इस दुख को कम नहीं कर सकती, फिर भी हम सब इस मुश्किल घङी में आपके साथ हैं। क्या कहूं.....आंखे नम हैं और गला रूंधा है। हिम्मत बनाए रखें और क्या...
इतना बड़ा दुख...मनीष भाई के दुख में हम सब शामिल हैं.
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