दिन बना दिया साहब ! कि रात बना दी ? आज रात भर सुनी जायेगी ..... मस्त हूँ अशोक भाई ...... आह ! नशे में हूँ ...... जियो ..... ऐसे ही नेक काम करते रहो ...
KHOOOOB, KYA BAAT HAI ! अजी अभी मंदिर-मस्जिद केस पे कुछ लिख दीजिये , टिप्पकों की पूरी फ़ौज आ खड़ी होगी . हमने शतरंजी क्या बिछाई मयखाने में साहब दही जम गया ब्लौगरों के मुंह में . कसम उड़ान झल्ले की, जभी हम बीच-बीच में छुट्टी चले जाया करते हैं .
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दिन बना दिया साहब ! कि रात बना दी ? आज रात भर सुनी जायेगी ..... मस्त हूँ अशोक भाई ...... आह ! नशे में हूँ ...... जियो ..... ऐसे ही नेक काम करते रहो ...
KHOOOOB, KYA BAAT HAI !
अजी अभी मंदिर-मस्जिद केस पे कुछ लिख दीजिये , टिप्पकों की पूरी फ़ौज आ खड़ी होगी . हमने शतरंजी क्या बिछाई मयखाने में साहब दही जम गया ब्लौगरों के मुंह में . कसम उड़ान झल्ले की, जभी हम बीच-बीच में छुट्टी चले जाया करते हैं .
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