Tuesday, July 12, 2011
दैट डॉन्ट मेक इट जंक
लेनर्ड कोहेन मेरे पसन्दीदा गायक-गीतकारों में काफ़ी ऊंची पायदान पर हैं. कोई तीन साल पहले मैंने उनका एक गीत यहां लगाया था. कोहेन का परिचत उसी पोस्ट से लगाता हुआ आज आपके लिए लेकर आया हूं उनका एक गीत दैट डॉन्ट मेक इट जंक.
कैनेडियन मूल के लेनर्ड कोहेन (जन्म:१९३४) पिछले चालीस सालों से हमारे समय के सबसे महत्वपूर्ण गीतकारों में रहे हैं: समय बीतने के साथ साथ उनका कार्य उत्तरोत्तर रहस्यवादी होता चला गया है. अपनी गम्भीरता और विषयवस्तुओं की रेन्ज के फैलाव के चलते समूचे पश्चिमी संगीतजगत में उनका काम अपनी ख़ास जगह बनाए हुए है. मानव जीवन से रू-ब-रू सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियां उनके गीतों के विषय रहे हैं - अध्यात्म, धर्म, इतिहास, सत्ता, सैक्स - और इन सब पर उन्होंने बहुत निर्ममता से विचार किया है.
गीतकार होने के साथ-साथ कोहेन स्वयं अपने लिखे गीतों को गाते हैं और उनका संगीत भी रचते हैं। वे एक अच्छे उपन्यासकार भी हैं।
एक कवि के रूप में वे पहले ही अपनी जगह बना चुके थे। तीन कविता संग्रह प्रकाशित कर चुकने के बाद १९६७ में उन्होंने अपना पहला अल्बम रिलीज़ किया। 'सॉंग्स ऑफ़ लेनर्ड कोहेन' नामक इस अलबम के बाज़ार में आने के साथ ही विश्व संगीत-जगत को एक नया और अलग क़िस्म का स्वर मिला। अपने संगीत को कोहेन 'यूरोपियन ब्लूज़' का नाम देते हैं
कोहेन के बारे में अधिक जानकारी आपको किसी भी वैबसाइट पर मिल जाएगी. फ़िलहाल आज जो गीत* आप सुनने जा रहे हैं उसे कोहेन ने महान कवि फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का की एक विख्यात कविता से प्रेरित होकर लिखा था. यहां यह बात भी गौरतलब है कि कोहेन ने अपनी बेटी का नाम भी लोर्का रखा है.
ये रहे गीत के बोल -
I fought against the bottle,
But I had to do it drunk –
Took my diamond to the pawnshop –
But that don’t make it junk.
I know that I’m forgiven,
But I don’t know how I know
I don’t trust my inner feelings –
Inner feelings come and go.
How come you called me here tonight?
How come you bother
With my heart at all?
You raise me up in grace,
Then you put me in a place,
Where I must fall.
Too late to fix another drink –
The lights are going out –
I’ll listen to the darkness sing –
I know what that’s about.
I tried to love you my way,
But I couldn’t make it hold.
So I closed the Book of Longing
And I do what I am told.
How come you called me here tonight?
How come you bother with my heart at all?
You raise me up in grace,
Then you put me in a place,
Where I must fall.
I fought against the bottle,
But I had to do it drunk –
Took my diamond to the pawnshop –
But that don’t make it junk.
(यहां जिस गीत की बात की जा रही है उसका लिंक यह रहा - टेक दिस वॉल्ज़)
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1 comment:
sensibility.
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