Thursday, September 1, 2011
उन्हीं को इब्तेदा कहिये, उन्हीं को इन्तेहा कहिये
बाबा नुसरत से सुनिये यह कम सुनी गई क़व्वाली - अर्श-ए-आज़म का दूल्हा बड़ी चीज़ है.
नुसरत फ़तेह अली ख़ान
1 comment:
प्रवीण पाण्डेय
said...
वाह।
September 1, 2011 at 11:21 AM
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वाह।
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