Friday, January 25, 2013
शरद की रातें
शरद की
रातें
-आलोक धन्वा
शरद की रातें
इतनी हल्की और खुली
जैसे पूरी की पूरी शाम शामें हों सुबह तक
जैसे इन शामों की रातें होंगी
किसी और मौसम में
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