Wednesday, January 16, 2013
चाँद ने काग़ज़ क़लम बढ़ाते हुए कविताएँ लिखने को कहा है
चाँद से अनगिनत इच्छाएँ
-लाल्टू
चाँद से अनगिनत इच्छाएँ साझी करता हूँ
चाँद ने मेरी बातें बहुत पहले सुन ली हैं
फिर भी कहता हूँ
और चाँद का हाथ
अपने बालों में अनुभव करता हूँ
चाँद ने काग़ज़ क़लम बढ़ाते हुए
कविताएँ लिखने को कहा है
सायरन बज रहा है
1 comment:
36solutions
said...
लाल्टू ने तो पूरी रात की कहानी बयॉं कर दी.
January 16, 2013 at 5:52 PM
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लाल्टू ने तो पूरी रात की कहानी बयॉं कर दी.
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