Thursday, February 11, 2016

उड़ान में धुत्त एक निश्चित मृत्यु के रास्ते पर


जंग

 

-आदेलिया प्रादो


मै अपने ख़ुद के खौफ़ को हार गयी. अलविदा.
जोनाथन के पीछे-पीछे जा रही हूँ मैं ठंडी आबोहवाओं की तरफ़.
इसी तरह जीना चाहिए हमें -
उड़ान में धुत्त
एक निश्चित मृत्यु के रास्ते पर.
मैं जोनाथन को प्यार करती हूँ.
लीजिये साहब – फिर वही बोझिल विषय.
“वह तुमसे मिलना चाहता है” सपने में कहा एक आवाज़ ने.
इस तरह आज़ाद हुए वे तमाम आकार जिनमें ईश्वर छिपा रहता है.
आप घास के गुच्छे या बालू की इबादत कर सकते हैं
और इस बात को नहीं खोज सकते कि बांसुरियां कहाँ से आईं.
जोनाथन मिलना चाहता है मुझसे,
मिलेगा वह मुझसे, ठीक है.
नरक में हथकड़ियों में कैद शैतान गुर्राता है
जबकि मैं

अपनी देह को अलग करती हूँ अपने कपड़ों से.

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