6
दिसम्बर, 2006
- व्योमेश शुक्ल
पहली
और अन्तिम बार
आज
6 दिसम्बर 2006 है
दूसरी
चीजें बार-बार हैं
आज
गर्व करने लायक धूप और गर्म हवा है
हमेशा
की तरह
बच्चे
प्रार्थनाएँ और राष्ट्रगान हल्का बेसुरा गा रहे हैं
इसके
बाद स्कूल बन्द हो गए
एक
प्रत्याशी दिशाओं को घनघोर गुँजाता हुआ कुछ देर पहले नामांकन करने कचहरी
गया
है
हमेशा
की तरह
एक
आदमी फोन पर हँसा बोला
गुटका
1 रुपये का है आज भी
खरीदो
खाओ
ठोंक
पीट हवा इंजन बोलने रोने चोंने की आवाज़ें हैं
हमेशा
की तरह
पंखे
और वाटर पम्प बनाने वाली एक छोटी कम्पनी
आज
पहली और अन्तिम बार ज़मींदोज हुई है
हमेशा
की तरह
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