Friday, October 27, 2017

यह हंसा भी किस लोक में रहती है

यह हंसा भी
- अष्‍टभुजा शुक्‍ल

"घोड़ों की तरह
हरदम
मुँह लटकाए नहीं रहना चाहिए
मुँह है तो
बोलने के लिए
और हँसने के लिए"

गोबर पाथती हंसा
जब-तब
ऎसे ही सुभाषित कहती है
पता नहीं
यह हंसा भी
किस लोक में रहती है?


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