Tuesday, October 16, 2007

चंदू उर्फ़ रद्दीवाले लाला जी का पुनः स्वागत

देर से ही सही लेकिन आखिरकार कबाड़खाना अपने कबाड़ मंडल में चंद्र्भूषण जी का नाम देख कर धन्य हो गया। उनकी दुकान का सामान अलबत्ता कुछ दिनों से यहाँ पहले से उपलब्ध है। सारे कबाड़ी एक एक बार अपने तरीके से स्काउट ताली बजा लें। जय हो।

1 comment:

शिरीष कुमार मौर्य said...

हमने ताली बजाई साब जी ! हमारे प्यार चंदू जी धन्य आपका आना !