Sunday, December 2, 2007

' यहाँ प्यार करता हूँ तुम्हें' : पाब्लो नेरुदा















योआन मानुएल सेरात की आवाज़ में नेरुदा (अवधि: २ मिनट १२ सेकेंड)




यहाँ प्यार करता हूँ तुम्हें
गहरे चीड़ के पेड़ों में हवा सुलझाती है खुद को
चाँद फास्फोरस की तरह दमकता है आवारा पानियों में
सारे के सारे दिन पीछा करते जाते हैं एक दूसरे का


नृत्यरत आकृतियों में खुलती है बर्फ
से फिसलती गिरती है चांदी की बत्तख
कभी कभी एक पाल। ऊंचे, ऊंचे सितारे
ओह एक जहाज की काली सलीब
इकलौती।

कभी कभी मैं जल्दी जाग जाता हूं और
मेरी आत्मा तक गीली हो चुकी होती है
दूर समुन्दर के किनारों की ध्वनियां और प्रतिध्वनियां
यह एक समुन्दर का किनारा है
यहां प्यार करता हूं तुम्हें

यहां प्यार करता हूं तुम्हें और क्षितिज तुम्हें छिपाने की व्यर्थ कोशिश करता हुआ
इन तमाम ठंडी चीजों के बीच मैं अब भी तुम्हें प्यार करता हूं
कभी कभी मेरे चुम्बन उन भारी जहाजों में चले जाते हैं
जो पार करते हैं समुन्दर कहीं भी नहीं पहुंचने को।
मैं देखता हूं खुद को उन विस्मृत कर दिए गए पुराने लंगरों की तरह।
जब दोपहर वहां पहुंचती है बल्लियों के प्लेटफार्म उदास हो चुके होते हैं।

जाता है मेरा जीवन : निरूद्देश्य और भूखा।
मुझे वह प्यारा है जो मेरे पास नहीं है।

तुम इतनी दूर हो।
मेरी अरूचि लड़ती है धीमी गोधूलियों से।
लेकिन रात आती है और मेरे लिए गाना शुरू करती है।
चांद चालू कर देता है सपनों की अपनी घड़ी।
सबसे बड़े तारे मेरी तरफ देखते हैं तुम्हारी आंखों से।
और जिस तरह मैं तुम्हें प्यार करता हूं
हवा में चीड़ के पेड़ उसी तरह गाना चाहते हैं
तुम्हारा नाम तार जैसी अपनी पत्तियों के साथ।

(संवाद प्रकाशन द्वारा प्रकाशित ‘बीस प्रेम कविताएं और उदासी का एक गीत’ से। बाइ द वे अनुवाद खाकसार का किया हुआ है)

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