वाह वाह ...उस्ताद गुलाम हसन शग्गन
खयाल शैली के उस्ताद गुलाम हसन शग्गन ग्वालियर घराने की रोशन गायकी के उन महान गायकों में हैं जो आजादी के बाद पाकिस्तान जा बसे मगर उनके सुर सरहद के दोनो तरफ गूंजते रहे हैं। संगीत के शौकीन ढूंढ ढूंढ कर उनकी चीज़ें सुनते रहते हैं। उस्तादजी की पैदाइश अमृतसर में हुई। इनके पिता भाई लाल मोहम्मद से इन्होने संगीत की तालीम हासिल की जिन्हें संगीत सागर की उपाधि मिली हुई थी और वे अविभाजित पंजाब के नामवर गायकों में माने जाते थे। बहरहाल सुनिये उस्ताद और उनके बेटे क़ादिर अली की गायकी - किन बैरन कान भरे...तू तो मोसे बोलत नाहीं । बुजुर्गवार की आवाज़ में आज भी क्या पेचो-ख़म है ।
1 comment:
बेहतरीन ! किस खजाने से ढूंढ लाए अजीत भाई? बहुत शानदार कबाड़ है. जय हो आपकी.
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