Sunday, April 6, 2008

कुछ फ़ोटू रोहित के कैमरे से

ज्ञान दद्दा ... और कौन!

भौत पिटेगा बेटे


ये भविष्य है हमारा!

छोकरिया नाचै नाच ... चच्चा उड़ावें नोट

मैं नागिन ... तू कौन!!!

शमशेर की कविता

पिलाट्टिक की बन्दूक, लोए का चस्मा, खद्दर की टोपी मेरा नाम लपूझन्ना

राजन आपकी रखवाली करते-करते आंखों की ऐसी तैसी हो गई ... दारू पिला दी ऊपर से ... होली है !!!

ज्ञान दादा का फ़ोटू विश्व पुस्तक मेले का है। बाक़ी के मेरे पुश्तैनी गांव अस्धना (जिला कानपूर) की होली के हैं ...

11 comments:

दिनेश पालीवाल said...

क्या बात है
जमे रहो

राज भाटिय़ा said...

बहुत खुब हे सारे फ़ोटु,लेकिन एक जगह अच्छा नही लगा,आप का ब्लोग हे, लेकिन चाहॊ तो एक शव्द रंडी हटा कर छोरी या लडकी लिख दो तो बहुत अच्छा लगे गा, बुरा मत मनान यह मेरी राय हे बस, ओर बाकी अच्छे फ़ोटो के लिये बहुत बहुत धन्यवाद

अनूप शुक्ल said...

सुन्दर। राज भाटिया जी की बात मान लो भाई!

इरफ़ान said...

भौत बढिया रोहित साब. आपने पुत्तक मेले में मेई भी फोटू खींची हती...वाको भी डाद्दौ दद्दा.../

VIMAL VERMA said...

बहुत खूब !!! भौत पिटे गा बेटे, दद्दा की बात मान,हटा ले...

Ashok Pande said...

हटवा दिया साहेबान! अब तो किसी को कोई आपत्ति ना है?

Sanjeet Tripathi said...

बहुत बढ़िया है!!

मुनीश ( munish ) said...

i wish him a great future and i request u to highlight his trip to Mansarover here.

Ashish Maharishi said...

बहुत अच्‍छी फोटाे

Anil Dubey said...

भौत खूब...

Batangad said...

रोहित, फोटो अच्छे हैं। कहां हो, क्या कर रहे हो।