Saturday, May 3, 2008

फिर से परवीन सुल्ताना


दो-तीन दिन पहले आपने सुना था बेग़म परवीन सुल्ताना का गाया रागेश्री। अब सुनिये उन्हीं की आवाज़ में राग नन्दकौंस



और राग भैरव




परवीन सुल्ताना की आवाज़ में रागेश्री सुनने के लिए यहां जाएं:
http://kabaadkhaana.blogspot.com/2008/04/blog-post_29.html

3 comments:

पारुल "पुखराज" said...

aabhaar ASHOK JI... mun khush ho gayaa....

Nandini said...

इतना सुंदर संगीत सुनाने के लिए धन्‍यवाद । कई बार मुझे लगता है कि आप ब्‍लॉगवर्ल्‍ड के डीजे हो । डिस्‍क जाकी ।

Radhika Budhkar said...

इसकी सीडी मेरे पास हैं,स्वयांसिध्धा कार्यक्रम में मेरी उनसे मुलाकात हुई थी और मैंने उनको उनके इस राग के गायन के लिए हार्दिक बधाई भी दी थी,सच अद्भुत गाया हैं,आपको पुनः:इसे सुनवाने के लिए धन्यवाद .