Tuesday, May 13, 2008

ओम अष्ट धातुओं के ईंटों के भट्ठे, ओम महामहिम, महामहो, उल्लू के पट्ठे

बाबा नागार्जुन (१९११-१९९८)

कांग्रेसी राजनीति की निन्दा करने वाले साहित्यकारों में सबसे मुखर स्वरों में एक था बाबा नागार्जुन का. उन्हीं दिनों की एक कविता है 'मंत्र कविता'. २००५ में रिलीज़ हुई संजय झा की फ़िल्म 'स्ट्रिंग्स: बाउन्ड बाइ फ़ेथ' से बाबा नागार्जुन की यही अतिविख्यात कविता (रचनाकाल: १९६९) सुनिये. गाने वाले हैं असमिया मूल के ज़ुबीन गर्ग. तब से अब तक हालात कितने बदले हैं आप ख़ुद जान जाएंगे.

4 comments:

VIMAL VERMA said...

संजय झा पटना के रहने वाले हैं,सुखद लगा कि अपनी फ़िल्म के लिये उन्होने नागार्जुन जी की रचना चुनी,वैसे इलाहाबाद में इस रचना को नागार्जुन जी से हम साक्षात सुन चुके हैं..

मैथिली गुप्त said...

संजय झा बाबा के भक्त हैं. उन्होंने अपनी ये फिल्म बाबा को ही समर्पित की है.

मुनीश ( munish ) said...

Hari oum ! shantih! shantih ! shantih!

Geet Chaturvedi said...

मज़ा आ गया सुनकर.