Saturday, July 4, 2009

तुंगनाथ से कुछ तस्वीरें

इधर अचानक तुंगनाथ जाने का कार्यक्रम बन गया.

हमने रूट लिया रानीखेत-कर्णप्रयाग-नन्दप्रयाग-चमोली-गोपेश्वर-मण्डल-चोप्ता-तुंगनाथ- मस्तूरा-रुद्रप्रयाग-गौचर-कोटमल्ला-गौचर-गैरसैण-रानीखेत.

बताया जाता है कि क़रीब साढ़े बारह हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर अवस्थित तुंगनाथ दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मन्दिर है. तुंगनाथ जाने के लिए आपको पहले चोप्ता पहुंचना होता है जहां हमारे कबाड़ी अनिल यादव भी इधर चन्द दिन बिता कर आए हैं. चोप्ता से फ़क़त साढ़े तीन किलोमीटर की चढ़ाई आपको तुंगनाथ पहुंचाती है.

यात्रा की तफ़सीलात बाद में देता हूं फ़िलहाल कुछ तस्वीरें देखिये.

होम फ़ार्म हैरिटेज रानीखेत के तालाब में खिला कमल

मेहलचौरी के पास आगरचट्टी में सड़क किनारे खिले अर्जुना के पेड़

गोपेश्वर में गोपीनाथ का मन्दिर

मण्डल से चोप्ता के रास्ते घना जंगल

तुंगनाथ के रास्ते

तुंगनाथ के रास्ते

तुंगनाथ के रास्ते

तुंगनाथ के रास्ते

कोहरे में ढंका तुंगनाथ मन्दिर

तुंगनाथ धाम

10 comments:

ghughutibasuti said...

बहुत सुन्दर चित्र हैं। मुझे बुरुश के फूल व पेड़ देखने थे। उनका भी कोई फोटो है?
घुघूती बासूती

महेन्द्र मिश्र said...

बहुत सुन्दर चित्र...

Ashok Pande said...

घुघुती जी

तुंगनाथ के रास्ते पर गुलाबी और सफ़ेद रंग के बुरुंश खिलते हैं. इन दिनों बुरुंश नहीं खिलता. उसका समय मार्च-अप्रैल-मई है.

चलिये खोजता हूं पुराने कबाड़ में. एक पोस्ट बुरुंश पर ही सही आपके नाम. जल्दी!

मुनीश ( munish ) said...

आम की डार कोयलिया बोले , तोता बोले बन में
घर वारे तो घर में राजी अर फक्कड़ राजी बन में
जय शिव-- शम्भु खेंच के चिमटा गाढ़ दे तम्बू !

sanjay vyas said...

चित्र अत्यंत मोहक और बुलाने वाले है.यात्रा विवरण का इंतज़ार रहेगा.

दिलीप मंडल said...

बहुत ही शानदार। यात्रा विवरण होना चाहिए।खासकर चोप्ता के बाद की चढ़ाई का।

नीरज गोस्वामी said...

नयनाभिराम चित्र...वाह...बेहद खूबसूरत.
नीरज

Kapil said...

खूबसूरत प्रकृति के शानदार चित्र।

हर्ष प्रसाद said...

बहुत सुंदर..

Smart Indian said...

बहुत ही खूबसूरत!