Saturday, June 26, 2010

आम, आम, आम

रोहित उमराव ने अपने गांव जाकर अपने पुश्तैनी आम के बग़ीचे की चन्द तस्वीरें भेजी हैं





8 comments:

मुनीश ( munish ) said...

ललित-ललाम हैं ये आम , कुदरत का बे-नजीर कलाम हैं ये आम !शुक्रिया रोहित !

siddheshwar singh said...

खास तस्वीरें हैं ये आम की।
मस्त - मस्त।

प्रवीण पाण्डेय said...

आम, आम, कहाँ है आम ।

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

काहें ललचाते हैं जी?
वाकई मस्त हैं, मलीहाबादी दशहरी हैं क्या?

मुनीश ( munish ) said...

No more buyers fo' these juicy pics?
This entire hindi blogosphere is nothing short of SICK !

मुनीश ( munish ) said...

Rhymeless ,complex poetry has more takers than simple mangoes ! Alas! we are at a wrong place at right time !

भारतेंदु मिश्र said...

बहुत सुन्दर,आम आदमी की किस्मत मे कहाँ हैं ये आम? और ये आम का बगीचा

भारतेंदु मिश्र said...

बहुत सुन्दर आम आदमी के भाग्य में कहाँ है ये आम और आम के ये बगीचे