Sunday, October 10, 2010

सच ही कहा है किसी 'कबी' ने



* आज एक बस के पीछे यह 'सायरी' लिखी देखी:

  एक हाथ में बंदूक द्सरे में तमंचा देशी है।
  चलो अब मार दो गोली यह तो परदेशी है।

इससे पहले कि उसकी फोटो ले पाता बस रानी तो बस दौड़ती चली गई और अपन गुबार देखते रह गए।


सच ही कहा है किसी 'कबी' ने :

परदेशियों से ना अँखियाँ मिलाना।
परदेशियों को है एक दिन जाना।

अजी आप कहाँ चले?

4 comments:

अजेय said...

गदर है जी !

दीपा पाठक said...

बढ़िया है!

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत ठीक।

प्रीतीश बारहठ said...

ओ साहब!
यह परदेशी कौन ठहरा ?
जिसके एक हाथ में बंदूक और दूसरे में तमंचा देशी है !
परदेशी के हाथ में देशी तमंचा !!!

:):)