Tuesday, October 19, 2010

नाना ड्रिंकिंन व्हाइट रम एन नानी ड्रिंकिंन वाइन

चटनी संगीत का उद्भव दक्षिणी कैरिबियाई इलाक़े में हुआ था - सबसे पहले त्रिनिडाड एन्ड टोबैगो में १९वीं सदी में नौकरों और गुलामों के तौर बसाए गए भारतीय मजदूरों की सन्ततियों ने इसे विकसिन किया. पारम्परिक भोजपुरी लोकगितों और लोकप्रिय भारतीय फ़िल्मी गीतों से अपने लिए आवश्यक तत्व जुटाने वाले इस संगीत की शुरुआत का श्रेय सुन्दर पोपो को जाता है जिन्हें द किंग ऑफ़ चटनी के नाम से ख्याति प्राप्त है.
आधुनिक चटनी संगीतकारों की रचनाओं की लिरिक्स हिन्दी, भोजपुरी और अंग्रेज़ी में होती हैं जिन्हें ढोलक की भारतीय और कैरिबियाई सोका यानी सोल कैलिप्सो संगीत की तेज़ लयों पर सैट किया जाता है.
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पहले चटनी संगीत ज़्यादातर महिलाएं गाया करती थीं और ये गीत धार्मिक विषयवस्तु पर आधारित हुआ करते थे. इधर के वर्षों में कई पुरुष गायकों ने इस विधा को अपनाया है.

आज के लोकप्रिय चटनी गायकों में रिक्की जय, रिचर्ड अली, राकेश यनकरण, देवानन्द गट्टू, निशा बेन्जामिन, हीरालाल रामपरताप और निस्संदेह सैम बूडराम हैं.



चटनी संगीत के बादशाह माने जाने वाले सुन्दर पोपो (४ नवम्बर १९४३-२ मई २०००) यानी सुनीलाल पोपो बहोरा ने १९७० में नाना एन्ड नानी शीर्षक गीत से इस विधा की बाक़ायदा शुरुआत की. आज सुनिए इसी क्लासिक को: नाना चले आगे आगे नानी गोइन बिहांइड ...

5 comments:

मुनीश ( munish ) said...

couldn't follow lyrics fully ,but maha mast experience indeed !

POOJA... said...

thank you for providing... gazab tha ajab tha...

मुनीश ( munish ) said...

This song smells of genuine Rum !Itz a gem.

प्रवीण पाण्डेय said...

आनन्द आ गया, वाह।

Syed Ali Hamid said...

मज़ा आ गया | Why don't we try this instead of those remixes, many of which are so stupid.