'वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ सौलिट्यूड' में बुएंदिया खानदान के प्रथमपुरुष होसे अर्कादियो बुएंदिया की एक जिप्सी 'मेल्कियादस' से दोस्ती का ख़ूब ज़िक्र हुआ है. इस महा आख्यान में इस चमत्कारी जिप्सी की मातृभाषा संस्कृत बताई गयी है, जो उसके या उसके पूर्वजों के मूल देश की तरफ एक संकेत है.
दुनिया के कोने कोने में बसे जिप्सी भले ही संस्कृत न बोलते हो पर शारीरिक बाह्याकृति के साथ साथ भाषाई आधार पर भी इन संगीतप्रेमी घुमक्कड़ों को भारतीय मूल का ही माना गया है. इनके बारे में एक अन्य पर बेहद महत्त्वपूर्ण पहलु ये है कि ये इतिहास के सर्वाधिक उत्पीड़ित समूहों में से एक हैं.
इन्हीं जिप्सियों बारे में भिक्षु चमनलाल की पुस्तक 'जिप्सी- भारत की विस्मृत संतति' (अनुवाद-डॉ.सत्यपाल रूहेला) में कुछ जिप्सी गीतों को भी संकलित किया गया है.इन्हीं कुछ में से दो गीत आपके लिए. इसी पुस्तक से साभार.
चिडियाँ और तारे
"मुझे बताओ, बूढ़े मित्र, यदि तुम बता सको
स्वर्ग में सितारों के लिए रोमानी क्या है?"
"हाँ, मेरे स्वामी, हम सितारों को शिरकी कहते हैं
और यह शब्द 'चिरीकल्स' या चिड़ियों से बना है
क्योंकि चिडियाँ और सितारे प्रकृति में समान है
सितारे स्वर्ग में प्रकाशपक्षी ही हैं
जो सदैव हमारे सिरों से ऊपर उड़ते रहते हैं
आर्डन पक्षी जो केवल अँधेरे में ही उड़ते हैं
और- चाँद स्वर्ग का स्वामी है
जो हर रात को अवश्य आता है
चारागाहों पर अपने मुर्गी के बच्चों को दाना खिलाने के लिए".
सर्वाधिक सुंदरी
"ओह, तुम यह कैसे जानती हो, मेरी पुत्री, कि तुम्हारा चेहरा सुन्दर है?"
"अवश्य, अवश्य, ऐसा ही है, मेरी माँ."
"लेकिन देखो, यहाँ घर में तो एक भी आइना नहीं है,
तुम यह कैसे जानती हो, मेरी पुत्री?"
"ओह,सड़क के ऊपर और नीचे, गोरे और भूरे लोग
कहते हैं कि कस्बे भर में मेरे जैसी सुंदरी दूसरी नहीं है."
"वे कैसे तुमसे बात करते हैं? जल्दी उत्तर दो,
और कोई झूठ न बोलना, मेरी पुत्री,
क्या वे गोर्सियो हैं या पुरानी रोमानी बोलते हैं?"
"ओह, उन्हें एक भी शब्द बोलने की ज़रूरत नहीं हैं, मेरी माँ,
उन्हें तो बस एक मृदु मुस्कान चाहिए
और मुझे यह समझते देर नहीं लगती,
कि मेरी जैसी सुंदरी देश भर में नहीं है."
(Image courtesy-Wikimedia)
दुनिया के कोने कोने में बसे जिप्सी भले ही संस्कृत न बोलते हो पर शारीरिक बाह्याकृति के साथ साथ भाषाई आधार पर भी इन संगीतप्रेमी घुमक्कड़ों को भारतीय मूल का ही माना गया है. इनके बारे में एक अन्य पर बेहद महत्त्वपूर्ण पहलु ये है कि ये इतिहास के सर्वाधिक उत्पीड़ित समूहों में से एक हैं.
इन्हीं जिप्सियों बारे में भिक्षु चमनलाल की पुस्तक 'जिप्सी- भारत की विस्मृत संतति' (अनुवाद-डॉ.सत्यपाल रूहेला) में कुछ जिप्सी गीतों को भी संकलित किया गया है.इन्हीं कुछ में से दो गीत आपके लिए. इसी पुस्तक से साभार.
चिडियाँ और तारे
"मुझे बताओ, बूढ़े मित्र, यदि तुम बता सको
स्वर्ग में सितारों के लिए रोमानी क्या है?"
"हाँ, मेरे स्वामी, हम सितारों को शिरकी कहते हैं
और यह शब्द 'चिरीकल्स' या चिड़ियों से बना है
क्योंकि चिडियाँ और सितारे प्रकृति में समान है
सितारे स्वर्ग में प्रकाशपक्षी ही हैं
जो सदैव हमारे सिरों से ऊपर उड़ते रहते हैं
आर्डन पक्षी जो केवल अँधेरे में ही उड़ते हैं
और- चाँद स्वर्ग का स्वामी है
जो हर रात को अवश्य आता है
चारागाहों पर अपने मुर्गी के बच्चों को दाना खिलाने के लिए".
सर्वाधिक सुंदरी
"ओह, तुम यह कैसे जानती हो, मेरी पुत्री, कि तुम्हारा चेहरा सुन्दर है?"
"अवश्य, अवश्य, ऐसा ही है, मेरी माँ."
"लेकिन देखो, यहाँ घर में तो एक भी आइना नहीं है,
तुम यह कैसे जानती हो, मेरी पुत्री?"
"ओह,सड़क के ऊपर और नीचे, गोरे और भूरे लोग
कहते हैं कि कस्बे भर में मेरे जैसी सुंदरी दूसरी नहीं है."
"वे कैसे तुमसे बात करते हैं? जल्दी उत्तर दो,
और कोई झूठ न बोलना, मेरी पुत्री,
क्या वे गोर्सियो हैं या पुरानी रोमानी बोलते हैं?"
"ओह, उन्हें एक भी शब्द बोलने की ज़रूरत नहीं हैं, मेरी माँ,
उन्हें तो बस एक मृदु मुस्कान चाहिए
और मुझे यह समझते देर नहीं लगती,
कि मेरी जैसी सुंदरी देश भर में नहीं है."
(Image courtesy-Wikimedia)
5 comments:
bahut sarthak shandar prastuti.mere blog kaushalpar aapka hardik swagat hai.
कोई मुस्कुरा के देख ले तो हम भी फ्लैट हो जाते हैं, फिर तो दुनिया में उससे खूबसूरत कोई नहीं ...
जिप्सियाना अन्दाज़ में सराबोर।
अतीत के इन पुरखों के बारे में बचपन से मन हमेशा अजीब सी फंतासियां गढ़ता था। अब भी बहुत कुछ जानना बाकी है, पर यह स्थापित सत्य है कि ये भारत की विस्मृत संताने हैं। भिक्षु चमनलाल की पुस्तक हमेशा मेरी मेज पर ही होती है:)
सुंदर चयन।
Que bonitos poemas !! llegan directamente al corazon..:)
Post a Comment