काम करती है औरत
माया एन्जेलू
मुझे बच्चों की देखभाल करनी है
कपड़ों की मरम्मत करनी है
फ़र्श पर पोंछा लगाना है
खाने की शॉपिंग करनी है
तब चिकन फ़्राई करना है
शिशु को सुखाना है
सब को खाना खिलाना है
बगीचे से झाड़ झंखाड़ उखाड़ने हैं
कमीज़ों में इस्तरी करना है
बच्चों को कपड़े पहनाने हैं
कैन को काटा जाना है
मुझे इस झोपड़ी की सफ़ाई करनी है
तब बीमारों को देखना है
और कपास तोड़कर लानी है.
मुझ पर चमको, धूप
बारिश, बरसो मुझ पर
हौले से गिरो ओस की बूंदो
और फ़िर से ठण्डक पहुंचाओ मेरी बरौनियों को
तूफ़ान, मुझे यहां से कहीं उड़ा ले चलो
अपनी सबसे ख़ौफ़नाक हवा के साथ
तैरने दो मुझे आसमान के आरपार
जब तक कि मैं आराम कर सकूं
धीरे गिरो, बर्फ़ के फ़ाहो
मुझे ढंक दो सफ़ेदी से
ठण्डे बर्फ़ीले चुम्बन
और आज की रात आराम करने दो मुझे
सूरज, बारिश, ढलवां आसमान
पहाड़, समुद्रो, पत्तियो, पत्थरो,
तारों की रोशनी, चांद की आभा
बस तुम्हीं हो जिन्हें अपना कह सकती हूं मैं.
माया एन्जेलू की इस कविता को पढ़ते हुए मुझे बेसाख़्ता अपनी सबसे प्रिय गायिका ट्रेसी चैपमैन का गाया गीत वूमैन्स वर्क लगातार याद आता गया. उसे भी यहां लगाने का मोह संवरण नहीं कर पा रहा हूं:
ट्रेसी चैपमैन का गीत
सामाजिक चेतना और मानवीय सरोकारों के गीत गाने वाली ट्रेसी चैपमैन आज के लोकप्रिय अंग्रेजी गायक-संगीतकारों की भीड़ में अलग खडी नज़र आती हैं। Fast Car (1988) से अपना पेशेवर कैरियर शुरू करने वाली ट्रेसी को एकाधिक बार ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उन की मखमली आवाज़ की ईमानदारी, उनके गीतों के संजीदा बोल और ताम झाम से रहित उनका संगीत फिलहाल तो अद्वितीय है। प्रस्तुत है १९९२ में गाया उनका गीत 'Woman's Work' । बहुत छोटा सा गीत है लेकिन सारी दुनिया की स्त्रियों के दुःख दर्द को बयान करता है। कोई आश्चर्य नहीं होगा यदि इसे सुन कर आप को अपने घर-पड़ोस-गाँव की माएं, बुआएं, दादियाँ और अन्य स्त्रियाँ याद आने लगें।
गीत के बोल हैं:
Early in the morning she rises
The woman's work is never done
And it's not because she doesn't try
She's fighting a battle with no one on her side
She rises up in the morning
And she works 'til way past dusk
The woman better slow down
Or she's gonna come down hard
Early in the morning she rises
The woman's work is never done
गीत यहां से डाउनलोड करें -
http://www.divshare.com/download/14693432-1d2
4 comments:
sahi kaha ...a woman work is never done....
touched absolutely!
i am touched...
सुन्दर लेखन, गहरे भाव. बधाई ............. !
Post a Comment