यह रचना १९९५ में ग्रैमी अवार्ड से नवाज़े गए अली फ़र्का तूरे के अल्बम टॉकिंग टिम्बकटू से ली गई है. अमेरिकी ब्लूज़ के उसके मूल स्रोत यानी अफ़्रीकी ब्लूज़ के साथ सम्बन्ध को रेखांकित करती यह रचना अपने समय में बहुत लोकप्रिय हुई थी. अली फ़र्का तूरे की और रचनाएं आपको यहां और सुनने को मिलती रहेंगी -
2 comments:
bhai saab,
ye to keval 25 26 second hi baj rahi hai !!!!!ya sirf apun ke computer par hi ye meharbani to nahi??!!
@abcd - मेरे कम्प्यूटर पर तो पूरी बज रही है साहब. प्ले कर के कुछ देर बफ़र होने दें और पॉज़ कर दें. उम्मीद है बाद में इसे आप पूरा सुन सकेंगे.
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