Saturday, August 6, 2011

बारिश एक ऐसी चीज़ है जो अतीत में घटती है - होर्हे लुई बोर्हेस


बारिश

होर्हे लुई बोर्हेस

आख़िरकार उजली हो गई दोपहर
क्योंकि बारिश गिर रही है, औचक और बारीक.
गिर रही है या गिर चुकी. इसमें कोई विवाद नहीं
कि बारिश एक ऐसी चीज़ है जो अतीत में घटती है.

इसे गिरता हुआ सुनने वाला लौटा लाता है एक समय जो खो गया था
जब एक विकट हवा उसके सामने खोलने ही को थी
एक फूल को जिसका नाम ग़ुलाब
और उसके लाल रंग के पेचीदा लालपन को

गिरती हुई जब तक कि खिड़की के हर एक शीशे को अन्धा न बना दे
एक भटके हुए उपनगर में यह बारिश
भीतर एक लता पर जीवन भर देगी काले अंगूरों में

एक आंगन था अब नहीं है.
बारिश की झड़ी से गुज़रकर आती बहुप्रतीक्षित एक आवाज़
मेरे पिता की है. कभी नहीं हुई थी उनकी मृत्यु.

2 comments:

Jyoti Joshi Mitter said...

Deep, very deep ! specially the last lines! I could hear my own father and feel my soul yearning....कभी नहीं हुई थी उनकी मृत्यु.

वर्षा said...

हां बारिश कितनी पुरानी बातें बरबस याद आ जाती हैं।