कविता फिर असद जैदी की. आवाज़ हम सब की
पूरब दिशा
एक दिन दुनिया से उर्दू बोलने वालों का
सफाया हो जाएगा
रह जायेगी बस हमारी प्यारी हिंदी भाषा
दफना देंगे फिर हम अपनी यह कुल्हाड़ी
एक दिन ख़त्म हो जायेंगी
पश्चिम की तरफ मुँह करने वाली कौमें
हर तरफ होगा पूरब की रीत का बोलबाला
एक दिन पश्चिम दिशा ही ख़त्म हो जायेगी
अकेली बच जायेगी बस हमारी पूरब दिशा
एक दिन दुनिया से उर्दू बोलने वालों का
सफाया हो जाएगा
रह जायेगी बस हमारी प्यारी हिंदी भाषा
दफना देंगे फिर हम अपनी यह कुल्हाड़ी
एक दिन ख़त्म हो जायेंगी
पश्चिम की तरफ मुँह करने वाली कौमें
हर तरफ होगा पूरब की रीत का बोलबाला
एक दिन पश्चिम दिशा ही ख़त्म हो जायेगी
अकेली बच जायेगी बस हमारी पूरब दिशा
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