Tuesday, January 8, 2013

यात्री और पर्यटक

पिछली पोस्ट के आगे - 


“यात्री सक्रिय हुआ करता था; वह श्रम करता हुआ लोगों, खतरों और अनुभवों की तलाश में निकला करता था. पर्यटक निष्क्रिय होता है; वह उम्मीद करता है कि उसके साथ कुछ घटेगा. वह “साईट सीइंग” पर निकला करता है.”

-डेनियल बूर्सटिन

2 comments:

अनूप शुक्ल said...

सत्यवचन!

abcd said...

jeevan bhar yaad rahega ye nazariya..adbhut vichaar
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yaatree Vs paryatak....(it's tornado,tornado )