पिछली पोस्ट के आगे -
“यात्री सक्रिय हुआ करता था; वह श्रम
करता हुआ लोगों, खतरों और अनुभवों की तलाश में निकला करता था. पर्यटक निष्क्रिय
होता है; वह उम्मीद करता है कि उसके साथ कुछ घटेगा. वह “साईट सीइंग” पर निकला करता
है.”
-डेनियल बूर्सटिन
2 comments:
सत्यवचन!
jeevan bhar yaad rahega ye nazariya..adbhut vichaar
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yaatree Vs paryatak....(it's tornado,tornado )
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