Thursday, June 13, 2013

एक जीव की बेचैनी से बना हुआ और अधिक संपन्न



दो सिरों वाला लड़का

-आदम ज़गायेव्स्की

अपने गाढ़े नीले विंडचीटर के नीचे
पन्द्रह साल का एक लड़का बिल्ली का बच्चा लिए जा रहा था.
उसका नन्हा सिर एक तरफ को घूमा हुआ
बड़ी बड़ी आँखें
हरेक चीज़ को से देखती हुईं
मानवीय आँखों से अधिक चौकन्नी.

गर्म ट्रेन के भीतर,
मैं तुलना करता हूँ
लड़के की आलसभरी निगाह की
बिल्ली के बच्चे की
चौकस और संकरी पलकों से.

मेरे सामने बैठा हुआ है दो सिरों वाला लड़का
एक जीव की बेचैनी से बना हुआ और अधिक संपन्न.

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