बाबा
नागार्जुन का यह फ़ोटो लक्ष्मीधर मालवीय द्वारा १९७६ में खींचा गया था
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बाबा नागार्जुन का फ़ोटो
और एक संस्मरण
(पुरुषोत्तम शर्मा और
अनिल जनविजय की फेसबुक वॉल्स से साभार)
बाबा
के साथ सादतपुर दिल्ली में गुजारे कई वर्षों की यादें अब भी ताजा हैं , उन्हें पहला पुरूस्कार मिलते ही
हमारे सादतपुर स्थित पार्टी कार्यालय में आकर उन्होंने मेरे गालों पर हाथ फेरते
कहा " तुम होल टाईमर हो ना , अच्छा खाना नहीं मिलता
होगा आज मेरी ओर से मुर्गा खाना " कहकर उन्होंने सौ रुपये का नोट मेरे हाथ
थमाया और कामरेड राजारामसिंह से कहा " आज से हिन्दू और एक अन्य पत्रिका
कार्यालय में और लगा दो मुझे काफी राशि मिली है इसका बिल मैं दिया करूँगा ".
उन दिनों बाबा रोज सुबह टहलते हुए हमारे कार्यालय में अखाबार पढ़ने आते थे . १९८९
में जब बिहार के आरा से हमारे पहले सांसद रामेश्वर प्रसाद के जीतने की खबर मिली तो
हम बाबा को खबर सुनाने उनके घर गए और बाबा से समाचार पत्रों के लिए प्रतिक्रिया
लिखने को कहा ,बाबा ने एक कागज़ पर लिख दिया " बिंद्रावन
में सांड घुस आया है " नागार्जुन .
1 comment:
ye yaaden hi hain jo jivit hone ka ahsas karaye rahti hain....baba ab bhi jivit hain hamari yadon main
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