Saturday, July 6, 2013

विंबलडन के बहाने टेनिस इतिहास का एक पन्ना


६ जुलाई १९५७ को एल्तीया गिब्सन (२५ अगस्त १९२७ – २८ सितम्बर २००३) विंबलडन में महिलाओं की एकल चैम्पियनशिप जीतकर ऐसा करने वाली पहली अफ़्रीकी-अमेरिकन बनी थी. अपने पूरे करियर में कुल ग्यारह ग्रैंड स्लैम टाइटिल जीतने का गिब्सन का कारनामा इस लिहाज़ से अद्वितीय माना जाता है कि उस ज़माने की विषम परिस्थितियों में जब उनके देश में रंगभेद-समर्थकों की हिंसा और घृणा अपने चरम पर पहुँची हुई थी.
टेनिस में उनकी शानदार और अतुलनीय सफलता आगामी वर्षों में अश्वेत महिला और पुरुष टेनिस खिलाड़ियों के लिए अभूतपूर्व प्रेरणा साबित हुई और उसका परिणाम हम आज की सुपरस्टार सेरेना और वीनस विलियम्स बहनों के रूप में देख सकते हैं. एक जगह वीनस विलियम्स ने लिखा है “उनके महान पदचिन्हों पर चलना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात रही है. उनकी उपलब्धियों ने मेरी सफलता के लिए रास्ता बनाया था. मेरा और सेरेना और हम जैसे बाकी खिलाड़ियों का प्रयास रहेगा कि उनकी विरासत को अक्षुण्ण बनाए रख सकें.”
एल्तीया गिब्सन के समकालीन रॉबर्ट राईलैंड, जो एक समय में सेरेना और वीनस के कोच रह चुके हैं कहते हैं कि आज के पैमाने पर भी गिब्सन का खेल कौशल अद्वितीय था – “मार्टिना नवरातिलोवा उनके आगे ज़रा भी ठहर नहीं पातीं और मेरा ख्याल है वे विलियम्स बहनों को भी हरा देतीं.” 
उल्लेखनीय बात यह है कि वे एक शानदार गोल्फ़र भी थीं. १९६० के दशक के शुरुआती सालों में  महिलाओं के प्रोफेशनल गोल्फ़ टूअर में हिस्सा लेने वाली वे पहली अश्वेत थीं. 

यह उस ज़माने की बात है जब ज़्यादातर होटलों में अफ़्रीकी-अमेरिकियों का प्रवेश वर्जित था. इसी तरह कई सारे क्लबों के भीतर भी उन्हें पैर रखने की इजाज़त नहीं होती थी. इस वजह से एल्तीया को कई टूर्नामेंटों में भाग लेने से वंचित रहना पड़ा. कई बार उन्हें गेम से पहले अपनी पोशाक कार में ही बदलनी पड़ती थी क्योंकि लेडीज़ लाकर रूम तो क्या समूचे क्लब हाउस उनकी सीमा से बाहर हुआ करते थे. इसके बावजूद वे लगातार पांच सालों तक सबसे अधिक कमाई करने वाले पचास खिलाड़ियों की सूची में अपना नाम बनाने में कामयाब हुई थीं.

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