पल्लवी त्रिवेदी हिन्दी ब्लॉग जगत में काफ़ी समय से सक्रिय रहीं. फेसबुक आने के बाद अब उनकी गतिविधियों की ज़िम्मेदारी वहीं मिला करती है. कुछ समय से वे फ़ोटोग्राफी में हाथ आज़मा रही हैं और आज विश्व फ़ोटोग्राफी दिवस पर उनकी वॉल पर लगी एक फ़ोटो ने मेरा ध्यान खींचा.
पढ़िए वे ख़ुद इस फ़ोटो की बाबत क्या
कहती हैं. फ़ोटू उसकी बाद देखिएगा –
"मुझे
ये मानने में कोई शर्म नहीं है कि मुझे कैमरे की तकनीक की ए बी सी डी भी ठीक से
नहीं आती! फ़ोटोग्राफी में विज़न और तकनीक
दोनों महत्वपूर्ण हैं! अपनी कैमरा स्किल को थोडा बढाने के लिए कल थोड़ा प्रयास किया!
मेनुअली सैटिंग के ज़रिये पानी की बूंदों की फ़ोटोग्राफी करने की एक कच्ची सी कोशिश
की है! शटर स्पीड और एपरचर वेल्यु को तमाम तरह से सेट करने के बाद ये फ़ोटो आई है!
ये फ़ोटो गुलाबी बाल्टी में नल से गिरते हुए पानी का है ...
ये कोई ग्रेट फ़ोटोग्राफ नहीं है .. पर ये मेरी एक घंटे की मशक्कत का नतीज़ा है जो पानी की धार को बूंदों में फ़्रीज़ करने में थोड़ी कामयाबी तो मिली ! सीख रहे हैं धीरे धीरे ..."
शुभकामनाएं,
पल्लवी! और हाँ फ़ोटो यहाँ लगाने की इजाज़त देने का आभार भी.
5 comments:
Beautiful!
शानदार।
वाह बहुत सुन्दर, प्रकृति की सुन्दर रंग तरंग।
कुछ लोग कई बार हरफनमौला होते हैं..... कुछ जिंदगी में अपने होने की लय पा जाते हैं...
मुझे इनके बारे में यही लगता है.
तस्वीर कला के बारे में कुछ नहीं जानता मगर जिस मेहनत से इन्होने ये निकाला और उससे जो निकला... वल्लाह !
कुछ लोग कई बार हरफनमौला होते हैं..... कुछ जिंदगी में अपने होने की लय पा जाते हैं...
मुझे इनके बारे में यही लगता है. तस्वीर कला के बारे में कुछ नहीं जानता मगर जिस मेहनत से इन्होने ये निकाला और उससे जो निकला... वल्लाह !
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