Wednesday, August 28, 2013

लिटल ऐशेज़ - डाली, लोर्का और बुनेल


कुछ दिन पहले मैंने आपको साल्वाडोर डाली पर बनी एक खासी व्यक्तिगत क़िस्म की डॉक्यूमेंट्री ‘डर्टी डाली’ से परिचित कराया था. उसी सिलसिले में आज आपको बताता हूँ २००८ में बनी फ़िल्म ‘लिटल ऐशेज़’ के बारे में.

पॉल मॉरिसन द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म १९२०-३० के ज़माने के स्पानी कला साहित्य के संसार को केंद्र में रखकर बनाई गयी है. उस ज़माने के तीन सबसे प्रतिभावान मस्तिष्क विश्वविद्यालय में एक दूसरे की सोहबत में आते हैं और संसार को बदलने का संकल्प लेते हैं. ये तीन थे – लुई बुनेल, साल्वाडोर डाली और फ़ेदेरिको गार्सीया लोर्का. समय के साथ साथ लुई बुनेल के सपने हताशा में तब्दील होने लगते हैं जब वह देखता हैं कि साल्वाडोर डाली और फ़ेदेरिको गार्सीया लोर्का की दोस्ती एक रूमानी या समलैंगिक सम्बन्ध में तब्दील होती जा रही है.

यही इस फ़िल्म की मुख्य थीम है.

रॉबर्ट पैटिन्सन, जेवियर बेल्ट्रान और मैथ्यू मैकनाल्टी ने क्रमशः डाली, लोर्का और बुनेल के किरदार निभाए हैं जबकि आर्ली जोवर ने गाला के रूप में (बाद में डाली की पत्नी) का ज़बरदस्त अभिनय किया है.

फ़िल्म का टाइटिल डाली की १९२७-२८ की पेंटिंग ‘सेनीसीतास’ (यानी लिटल ऐशेज़) से प्रेरित है. इस पेंटिंग को फ़िलहाल माद्रीद के क्वीन सोफिया आर्ट सेंटर के डाली संग्रह में देखा जा सकता है.

यह तथ्य सर्वज्ञात है कि लोर्का डाली से आकृष्ट था और डाली के कथनानुसार उसने (लोर्का ने) शारीरिक सम्बन्ध बनाने की दो असफल कोशिशें कीं.

डाली और लोर्का के जीवनकथा लेखक इयान गिब्सन इस बाबत कह चुके हैं – “यह आप पर निर्भर करता है आप एक अफेयर को कैसे परिभाषित करते हैं. डाली को किसी के द्वारा भी छुए जाने से भय महसूस होता था, सो मैं नहीं समझता लोर्का उतना आगे तक गए होंगे.”

(फ़िल्म इंटरनेट पर फ़्री डाउनलोड के लिए किसी भी टोरेंट साईट पर उपलब्ध है. मैंने भी वहीं से डाउनलोड कर के देखी थी.) 


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