ऑक्सफ़ोर्ड में पढाई पूरी कर चुका एक युवा ग्रेजुएट कॉलिन
क्लार्क फिल्मों में काम करना चाहता है. उसके पिता खासे रईस और प्रभावशाली आदमी
हैं. काफ़ी मुश्किलों के बाद अंततः उसे फ़िल्म ‘द प्रिंस एंड द शोगर्ल’की प्रोडक्शन
टीम में काम मिल जाता है. फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक और हीरो उस समय के
प्रतिष्ठित रंगमंच अभिनेता सर लॉरेन्स ओलिवर हैं. बतौर हीरोइन काम करने के लिए
मर्लिन अमरीका से बुलाई गयी हैं. सर लॉरेन्स ओलिवर को मूवी स्टार बनने की चाहत है
जबकि पहले ही से मूवी स्टार के रूप में अपार ख्याति बटोर चुकी मर्लिन अपने आप को
एक गंभीर अदाकारा के रूप में पेश करना
चाहती हैं.
बेहद सेल्फ-कॉन्शस मर्लिन अपनी एक्टिंग कोच पॉला स्ट्रासबर्ग
को अपने साथ लाई हैं. वे अक्सर सेट पर देर से पहुँचती हैं जिससे अनुशासनबद्ध ओलिवर
आगबबूला हो जाते हैं और कॉलिन क्लार्क को यह काम सौंपा जाता है कि वह मर्लिन का
समय पर पहुंचना सुनिश्चित करे. जल्द ही कॉलिन और मर्लिन के बीच गहरी समझदारी और
प्रेम का सम्बन्ध बन जाता है. इस सम्बन्ध से दोनों को अंदरूनी जीवन में मजबूती
मिलती है.
सच्ची घटनाओं पर आधारित यह फ़िल्म मैंने कल ही देखी है और हो
सकता है एक दफा और देखूं.
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