Monday, September 16, 2013

तीजे बन पग नहीं धरना


पंडित कुमार गंधर्व जी के स्वर में सुनिए कबीरदास जी का एक और भजन- 

हिरना  समझ  बूझ  बन  चरना
एक बन चरना, दूजे बन चरना, तीजे बन पग नहीं धरना
पांच हिरना, पच्चीस हिरनी उनमें एक चतुर ना
तोये मार, तेरो मास बिकावे, तेरे खाल का करेंगे बिछोना
कहे कबीर जो सुनो भाई साधो गुरु के चरण चित्त धरना 


1 comment:

Surendra Chaturvedi said...

अशोक जी,गज़ब कंपोजीशन,कुमार गंधर्व को सुनना यानि दिन सार्थक कर लेना सरीखा, धन्‍यवाद आपको।