समय
नष्ट करने के विषय पर पिता – पुत्र संवाद
-ताद्यूश
रूज़ेविच
क्यों
अपना समय
नष्ट
करते हैं लोग?
क्योंकि
जब उनके पास समय होता है
वे
बोर हो जाते हैं, बेटे.
**
लेकिन
सॉकर के फैन्स बोर नहीं होते?
वे
भी बोर होते हैं ...
क्योंकि
गेंद गोल नहीं है
और
मैच बेचा जा चुका है
रेफ़री
खरीदा जा चुका
तीस
बरस पहले
लातो
ने जो तारीख़ी गोल मारा था
उसे
याद करने को अभी तुम बहुत छोटे हो
यह
गीएरेक* के ज़माने की बात है
दादी
हमेशा गीएरेक की बातें किया करती थी
और
गाया करती थीं
“सिर्फ
छांछ और दही था गोमुल्का के बखत में
गीएरेक
के बखत खूब सारा मांस
मगर
कानिया के ज़माने में तो एक सॉसेज तक नहीं.”
**
लेकिन
डैडी, सॉकर के फैन्स बोर नहीं होते!
चेहरे
पर पेन्ट पोते घुमते हैं सॉकर के फैन्स
आदमखोरों
जैसे
लाठियां,
चाकू, कुल्हाड़ियाँ,
जंजीरें,
झंडे
टॉयलेट
पेपर वगैरह लिए.
कम्यूनिज़्म
के समय इन सबकी बड़ी कमी रहती थी यहाँ
और
दुष्ट साम्राज्य में भी
लेकिन
भूलो मत पोलैंड ने
हराया
था यूनान को
अलबत्ता
बन कभी नहीं सका वह यूरोपियन चैम्पियनशिप का ट्रोजन हॉर्स**!
डैडी!
क्या यह सच है कि कुछ ऐसे भी खिलाड़ी होते हैं
जो
गेंद की इज्ज़त नहीं करते हालांकि वे
शानदार
होते हैं और क्या यह भी कि सॉकर के दर्शन
की
जगह ले ली है अध्यात्म ने
और
यह कि अर्जेंटीना में लोग प्रार्थना करते हैं
संत
मारादोना की.
हाँ
बेटे! अनंत प्रकाश की जगह ले ली है
गोलपोस्ट
के मुंह की रोशनी ने.
(*एडवर्ड
गीएरेक पोलैंड के एक कम्यूनिस्ट राजनेता थे जिन्होंने १९७० में पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़
पोलैंड में सत्ताधारी पार्टी के प्रथम सचिव के तौर पर व्लादिस्लाव गोमुल्का की जगह
ली थी. १९८० में उनकी जगह स्तानिस्लाव कानिया आसीन हुए थे.
**
ट्रोजन हॉर्स – दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी को गुप्त रूप से पराजित कर देने
वाला व्यक्ति या वस्तु.)
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