गाबो अपने पीछे
एक अप्रकाशित पांडुलिपि छोड़ गए हैं जिसे वे अपने जीते जी प्रकाशित कराना नहीं
चाहते थे. पेंग्विन रैंडम हाउस मैक्सिको के सम्पादन निर्देशक क्रिस्तोबाल पेरा के
मुताबिक गार्सीया मारकेज़ के परिवार ने अभी यह तय नहीं किया है कि पुस्तक उनके
मरणोपरांत छापी जाए या नहीं या किस प्रकाशन को इस के प्रकाशनाधिकार दिए जाएं.
पांडुलिपि का
शीर्षक है ‘इन आगोस्तो नोस वेमोस’ (हम अगस्त में मिलेंगे एक दूसरे से).
स्पेन के अखबार ‘ला
वानगूआरदीया में छपे इस पांडुलिपि के शुरुआती अध्याय में एक ऊष्णकटिबंधीय द्वीप
में पचासेक साल की एक विवाहित महिला द्वारा हर साल की जाने वाली यात्रा का ज़िक्र
है जहाँ उसकी माँ की कब्र है. इस अध्याय में इस स्त्री का तकरीबन उसी की आयु के एक
पुरुष के साथ चल रहे अफेयर का ज़िक्र है. दोनों एक ही होटल में टिके हैं.
द्वीप का ऊष्णकटिबंधीय
आकर्षण इस रोमांस की इरोटिक टोन को और भी हवा देता है. गर्मी, लैंडस्केप, संगीत और
स्थानीय निवासियों के विस्तृत विवरण भी हैं.
माना जा रहा है
कि यह पांडुलिपि तकरीबन उसी समय की है जब उस्ताद की किताब ‘मेमोरीज़ ऑफ़ माय
मेलेन्कली होर्स’ २००४ में छपी थी.
“मैं अब और लिखने
नहीं जा रहा” गाबो ने मैक्सिकी लेखक ओमेरो आर्दीजीस से २००५ में कहा था. मारकेज़ के
जीवनीकार जेराल्ड मारतीन के मुताबिक यह पांडुलिपि एक लघु कथा से शुरू हुई थी.
इधर कोलम्बिया के
संस्कृति मंत्रालय ने ऐलान किया है वह गार्सीया मारकेज़ के नाम पर एक लाख डॉलर का
एक साला पुरूस्कार शुरू करने जा रहा है. स्पानी में लिखी गयी सर्वश्रेष्ठ कथा को
यह सम्मान मिलेगा.
हज़ारों पीले
गुलाबों से सज्जित (*पीला गाबो का प्रिय रंग था) बोगोटा के औपनिवेशकालीन चर्च में
बोगोटा सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा ने गाबो की स्मृति में मोत्सार्ट की कम्पोजीशन ‘रेक्वीम’
की प्रस्तुति दी.
कोलम्बिया भर में
बुधवार को १४०० पुस्तकालयों में गार्सीया मारकेज़ की किताब ‘नो वन राइट्स टू द
कर्नल’ का सार्वजनिक पाठ हुआ. संस्कृति मंत्रालय ने इस अवसर पर पुस्तक की १२,०००
प्रतियां मुफ्त वितरित कीं.
इधर क्यूबा में
राजकीय समाचार एजेंसी प्रेन्सा लातीना ने घोषणा की है कि दिसम्बर में होने वाला
हवाना फिल्म फेस्टीवल मरहूम नोबेल पुरूस्कार विजेता की स्मृति को समर्पित होगा.
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