Sunday, April 27, 2014
ये हुलिया है एक आधुनिक प्रेम कविता का
आधुनिक प्रेम कविता के लिए एक स्केच
-ताद्यूश रूज़ेविच
राख़ की
रेगिस्तान की
वह उकसाती है एक मृगतृष्णा को
बादल और पेड़
प्रवेश करते हैं पानी के एक आईने में
उन्हें भूख नहीं
देह की
अनुपस्थिति
ये हुलिया है
एक आधुनिक प्रेम कविता का
1 comment:
सुशील कुमार जोशी
said...
वाह !
April 27, 2014 at 8:52 AM
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1 comment:
वाह !
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