नैनीताल-ऊधम सिंह नगर लोकसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के
उम्मीदवार तथा सुविख्यात शायर बल्ली सिंह चीमा को चुनाव प्रचार के दौरान कथित रूप
से धारा १४४ तोड़ने के आरोप में प्रशासन द्वारा १४ दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
जाना अलोकतांत्रिक और अनुचित है. यह अत्यंत आश्चर्य की बात है कि भाजपा जैसी
पार्टी के अनेक नेता साम्प्रदायिक और भड़काऊ भाषण देने के संगीन आरोपों के बावजूद
या तो चुनाव आयोग की नोटिस के बाद या महज आयोग की चेतावनी के बाद खुले घूम रहे हैं,
वहीं बल्ली सिंह चीमा को एक निरर्थक से आरोप की बुनियाद पर आचार संहिता
की आड़ में गिरफ्तार कर लिया गया . यह चुनाव लड़ने और प्रचार करने के उनके अधिकार पर
हमला है.
एक ऐसे समय जब २०१४ के लोकसभा चुनाव में पैसे पानी की तरह बहाए जा
रहे हैं, करोड़पति और आपराधिक छवि वाले लोग भारी तादाद में
चुनाव में अपने धन-बल और बाहु-बल की आज़माइश कर रहे हैं, तब
बल्ली सिंह चीमा की गिरफ्तारी एक गहरी विडम्बना की और इशारा करती है, जहां चुनाव आयोग के तमाम लम्बे-चौड़े दावों के बावजूद भारतीय लोकतंत्र के
बड़ी पूंजी और आपराधिक तत्वों द्वारा अपहरण की कोशिशें बेरोक-टोक जारी हैं . एक
सामान्य नागरिक के लिए चुनाव लड़ना ही असंभव बना दिया जा रहा है .
जन संस्कृति मंच बल्ली सिंह चीमा और उनके साथियों की अविलम्ब रिहाई
की मांग करता है और चुनाव आयोग से मांग करता है कि इस मामले में जो अधिकारी दोषी
हैं, उन पर आयोग कार्रवाई करे.
(सुधीर
सुमन, राष्ट्रीय सह सचिव, जसम द्वारा जन संस्कृति मंच की
ओर से जारी)
1 comment:
सब सब कुछ देख रहे हैं
और कुत्तों पर शेर गढ़ रहे हैं
लोक कौन है और तंत्र किसका
कसीदे अपराधियों पर पढ़ रहे हैं ।
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