Tuesday, April 15, 2014

राजेंद्र धोड़पकर के चार साहित्यिक कार्टून

पहल के अंक 94 से साभार वरिष्ठ कवि, कार्टूनिस्ट जनाब राजेन्द्र धोड़पकर के चार कार्टून -





3 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

बहुत खूब :)

abcd said...

shaandaar

मुनीश ( munish ) said...

पढ़ना अच्छा है लेकिन एक दिन उससे ऊपर उठ जाना पड़ता है , उपराम होना होता है एषो धर्मः सनातनः अप्प दीपो भव द ग्रेट बुद्धा ऑलसो सैड सो ।