Friday, August 22, 2014

दोनों की आंखों में आये आंसू यहां इसी एक नक्षत्र पर


जापानी के महानतम आधुनिक कवियों में गिने जाने वाले शुन्तारो तानीकावा (जन्म १९३१) ने स्विस-जर्मन कलाकार पॉल क्ली (१८७९-१९४०) की पेन्टिंग्स को लेकर ग्यारह कविताओं की श्रृंखला लिखी थी. उसी में से एक बेहद छोटी कविता 'काला राजा' प्रस्तुत है:

काला राजा

-शुन्तारो तानीकावा

ख़ाली पेट एक बच्चा
उदास था क्योंकि ख़ाली था उसका पेट
भरे पॆट वाला एक राजा
उदास था क्योंकि उसका पेट था भरा हुआ

बच्चे ने हवा की आवाज़ सुनी
राजा ने संगीत सुना
दोनों की आंखों में आये आंसू
यहां इसी एक नक्षत्र पर.

[चित्र: पॉल क्ली की पेन्टिंग 'फ़ायर एन्ड डैथ'. तानीकावा की कुछेक कविताएं आप इस ब्लॉग पर पहले भी लगाई जा चुकी हैं. पढ़ना चाहें तो दांई तरफ़ के साइडबार में 'जमा किया गया कबाड़' शीर्षक के नीचे शुन्तारो तानीकावा के नाम पर क्लिक करें. कविता संवाद प्रकाशन द्वारा प्रकाशित शुन्तारो तानीकावा के अनुवादों की पुस्तक 'एकाकीपन के बीस अरब प्रकाशवर्ष' से . अनुवाद ख़ाकसार के हैं.]


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