Tuesday, January 27, 2015

भगतसिंह ! इस बार न लेना काया भारतवासी की

सरदार सोभा सिंह का बनाया
शहीद भगत सिंह का चित्र


भगतसिंह से

- शंकर शैलेन्द्र

भगतसिंह ! इस बार न लेना काया भारतवासी की,
देशभक्ति के लिए आज भी सज़ा मिलेगी फाँसी की !

मत समझोपूजे जाओगे क्योंकि लड़े थे दुश्मन से,
रुत ऐसी है आँख लड़ी है अब दिल्ली की लंदन से,
कामनवैल्थ कुटुम्ब देश को खींच रहा है मंतर से--
प्रेम विभोर हुए नेतागणनीरा बरसी अंबर से,
भोगी हुए वियोगीदुनिया बदल गई बनवासी की !


सत्य अहिंसा का शासन हैराम-राज्य फिर आया है,
भेड़-भेड़िए एक घाट हैंसब ईश्वर की माया है !
दुश्मन ही जब अपनाटीपू जैसों का क्या करना है ?
शान्ति सुरक्षा की ख़ातिर हर हिम्मतवर से डरना है !
पहनेगी हथकड़ी भवानी रानी लक्ष्मी झाँसी की !

यदि जनता की बात करोगेतुम गद्दार कहाओगे--
बम्ब सम्ब की छोड़ोभाषण दिया कि पकड़े जाओगे !
निकला है कानून नयाचुटकी बजते बँध जाओगे,
न्याय अदालत की मत पूछोसीधे मुक्ति पाओगे,
काँग्रेस का हुक्मज़रूरत क्या वारंट तलाशी की !

गढ़वाली जिसने अँग्रेज़ी शासन से विद्रोह किया,
महाक्रान्ति के दूत जिन्होंने नहीं जान का मोह किया,
अब भी जेलों में सड़ते हैंन्यू-माडल आज़ादी है,
बैठ गए हैं कालेपर गोरे ज़ुल्मों की गादी है,
वही रीति हैवही नीति हैगोरे सत्यानाशी की !

(1948) 

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