Thursday, January 22, 2015

अच्छे दिन का अच्छा मीडिया - पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट

कबाड़खाने के महत्वपूर्ण सदस्य और पुराने मित्र पंकज श्रीवास्तव (जो एक जाने-माने पत्रकार भी हैं)  ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. हमारे महान भारतीय लोकतंत्र का महत्वपूर्ण माना जाना वाला स्तम्भ, मीडिया पिछले साल भर से जिस तरह चौराहे पर खुद को नीलाम करता नज़र आता रहा है, उसकी एक और तार्किक परिणति है यह घटना. 

कबाड़ख़ाना पंकज के साथ.

जानिये क्या-कैसे चल रहा है इन दिनों मीडिया में. पंकज की फेसबुक वॉल से- 



और मैं आईबीएन 7 के एसो.एडिटर पद से बर्खास्त हुआ !!! सात साल बाद अचानक सच बोलना गुनाह हो गया !!!
कल शाम आईबीएन 7 के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर सुमित अवस्थी को दो मोबाइल संदेश भेजे. इरादा उन्हें बताना था कि चैनल केजरीवाल के खिलाफ पक्षपाती खबरें दिखा रहा है, जो पत्रकारिता के बुनियादी उसूलों के खिलाफ है. बतौर एसो.एडिटर संपादकीय बैठकों में भी यह बात उठाता रहता था, लेकिन हर तरफ से 'किरन का करिश्मा' दिखाने का निर्देश था. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय पर बिजली मीटर लगाने को लेकर लगे आरोपों और उनकी कंपनी में उनके भाई उमेश उपाध्याय की भागीदारी के खुलासे के बाद हालात और खराब हो गये. उमेश उपाध्याय आईबीएन 7 के संपादकीय प्रमुख हैं. मेरी बेचैनी बढ़ रही थी. मैंने सुमित को यह सोचकर एसएमएस किया कि वे पहले इस कंपनी में रिपोर्टर बतौर काम कर चुके हैं, मेरी पीड़ा समझेंगे. लेकिन इसके डेढ़ घंटे मुझे तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया. नियमत: ऐसे मामलों में एक महीने का नोटिस और 'शो कॉज़' देना जरूरी है.

पिछले साल मुकेश अंबानी की कंपनी के नेटवर्क 18 के मालिक बनने के बाद 7 जुलाई को 'टाउन हाल' आयोजित किया गया था (आईबीएन 7 और सीएनएन आईबीएन के सभी कर्मचरियों की आम सभा ) तो मैंने कामकाज में आजादी का सवाल उठाया था. तब सार्वजनिक आश्वासन दिया गया था कि पत्रकारिता के पेशेगत मूल्यों को बरकरार रखा जाएगा. दुर्भाग्य से मैने इस पर यकीन कर लिया था.

बहरहाल मेरे सामने इस्तीफा देकर चुपचाप निकल जाने का विकल्प भी रखा गया था. यह भी कहा गया कि दूसरी जगह नौकरी दिलाने में मदद की जाएगी. लेकिन मैंने कानूनी लड़ाई का मन बनाया ताकि तय हो जाये कि मीडिया कंपनियाँ मनमाने तरीके से पत्रकारों को नहीं निकाल सकतीं .


पंकज श्रीवास्तव
इस लड़ाई में मुझे आप सबका साथ चाहिये. नैतिक भी और भौतिक भी. 

बहुत दिनों बाद 'मुक्ति' को महसूस कर रहा हूं.लग रहा है कि इलाहाबाद विश्वविदयालय की युनिवर्सिटी रोड पर फिर मुठ्ठी ताने खड़ा हूँ.

मुझसे संपर्क का नंबर रहेगा - 09873014510

2 comments:

Unknown said...

लड़ो

मुनीश ( munish ) said...

मैं स्वयम् केजरी जी का समर्थक नहीं किन्तु लोकतंत्र है भाई । किसी को यों निशाना बनाना अनुचित और अन्यायपूर्ण है । एक और लिंक है जो बताता है कि बात किस हद तक बिगड़ चुकी थी -- http://mediakhabar.com/ibn7-hr-broke-pankaj-srivasatva-drawer/

निःसंदेह दुःखद है । मैं श्रीवास्तव जी को इस प्रकार प्रताड़ित करने पर विरोध दर्ज करता हूँ ।