Friday, March 13, 2015

कोई जल्दी नहीं लेकिन असल में वह भागा जा रहा है


किस बात की जल्दी

- प्रमोद कौंसवाल

उसे किस बात की जल्दी
कहां जाना है उसे
कोई जल्दी नहीं
लेकिन असल में वह भागा जा रहा है.
जितना तेज़ संभव है
उसे लोग इसी तरह रोज़ भागते देखते हैं.
कहते हैं नौकरी जा रहा है
लेकिन लोग कहते हैं
भाई ऐसी भी क्या नौकरी

किसी की मानता भी तो नहीं
बोलता नहीं किसी से. चुपचाप रहता
और भागता जाता. बस उसे तो जल्दी है
किस बात की जल्दी है उसे
लोग कयास लगाने लगे
वह नौकरी नहीं जाता
तमाम लोग नौकरी जाते हैं
आख़िर दुनिया जाती है नौकरी
कुछ लोग कहने लगे कुछ गड़बड़ मामला है
नौकरी नहीं ही जाता होगा. वह घर के बाहर कभी निकलता भी है
उसके मिलने जुलने वालों से लोगों का कई बार मन होता
उसके बारे में पूछें लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई

वह सिर्फ़ रहता है
और शायद नौकरी ही करता है मामूली
वह दिल्ली में रहता है
उसके जल्दबाज़ी और साधारण चलने को लेकर
लोग असल में जाने कब से कहने लगे.

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