गालेआनो
का गद्य - 1
अनुवादः
शिवप्रसाद जोशी
एदुआर्दो
गालेआनो लातिन अमेरिका की ऐतिहासिक और समकालीन यातना को दुनिया के सामने लाने वाले
लेखक पत्रकार हैं. वे जितना अपने पीड़ित भूगोल के दबेकुचले इतिहास के मार्मिक
टीकाकार हैं उतना ही भूमंडलीय सत्ता सरंचनाओं और पूंजीवादी अतिशयताओं के प्रखर
विरोधी भी. उनका लेखन और एक्टिविज़्म घुलामिला रहा है. इसी साल 13 अप्रेल को 74
साल की उम्र में कैंसर से उनका निधन हो गया.
प्रस्तुत
गद्यांश एडुआर्दो गालेआनो की किताब, मानवता का इतिहास, मिरर्स (नेशन बुक्स)
से लिया गया है. हिंदी में इसका रूपांतर गुएर्निका मैगज़ीन डॉट कॉम से साभार लिया
गया है. अंग्रेज़ी में इनका अनुवाद मार्क फ़्राइड ने किया है.
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अपने बच्चों के साथ जोसेफ़ स्टालिन |
1.
स्टालिन
उसने
अपनी मातृभूमि जॉर्जिया की भाषा में लिखना सीखा, लेकिन मठ में साधुओ ने उसे रूसी
बोलना सिखा दिया.
कई
साल बाद मॉस्को में उसका दक्षिणी काकेशश उच्चारण उसके काम आया.
लिहाज़ा
उसने रूसियों से अधिक रूसी होने का फ़ैसला किया. कोरसिका का बाशिंदा नेपोलियन भी
तो, फ़्रांसीसियों से ज़्यादा फ़्रांसीसी नहीं था? और
कैथरीन महान, जो जर्मन थी, वो रूसियों से ज़्यादा रूसी नहीं थी?
जॉर्जियाई,
आयोसिफ़ द्जूगाशविली, ने रूसी नाम चुना. उसने खुद को स्टालिन कहा. जिसका अर्थ है
स्टील- इस्पात.
इस्पात
के इस इंसान की उम्मीद थी कि उसका बेटा भी इस्पाती बनेः बचपन से ही. स्टालिन का
बेटा याकोव आग और बर्फ़ में पका और हथौड़े की चोटों से गढ़ा गया.
लेकिन
ये काम न आया. वो अपनी मां का बेटा था. 19 साल की उम्र में, याकोव को लगा बहुत
हुआ. वो ज़्यादा नहीं झेल सकता था.
उसने
ट्रिगर दबा दिया.
बंदूक
की गोली से वो मरा नहीं.
अस्पताल
में वो जागा. बिस्तर के किनारे, उसके पिता ने कहाः
“तुम
ये काम भी सही ढंग से नहीं कर पाए.”
(जारी)
2 comments:
उत्सुकता बरकरार है, अगली कड़ी की प्रतीक्षा आभार
रोचक
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