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वो तो देवयानी का ही मर्तबा था
-रमाशंकर यादव विद्रोही
वो तो देवयानी का ही मर्तबा था
कि
सह लिया साँच की आँच
वरना
बहुत लम्बी नाक थी ययाति की
तो
नाक में नासूर है
और
नाक की फ़ुफ़कार है
और
नाक विद्रोही की भी शमशीर है,
तलवार है
और
जज्बात कुछ ऐसा कि बस सातों समंदर पार है
और
ये सर नहीं गुम्बद है
कोई
पीसा की मीनार है
और
ये गिरा तो आदमियत का अक़ीदा गिर पड़ेगा
और
ये गिरा तो बलन्दियों का पेंदा गिर पड़ेगा
और
ये गिरा तो मुहब्बत का घरौंदा गिर पड़ेगा
और
इश्क़ का और हुस्न का
दोनों
का
दीदा
गिर पड़ेगा
इस
लिए रहता हूँ जिन्दा
वरना
कब का मर चुका हूँ
मैं
सिर्फ काशी में ही नहीं रूमान में भी जी चुका हूँ
और
हर जगह
ऐसी
ही जिल्लत
और
हर जगह ऐसी जहालत
और
हर जगह पर है पुलिस
और
हर जगह पर है अदालत
और
हर जगह पर हैं पुरोहित
और
हर जगह नरमेध है
और
हर जगह कमजोर मारा जा रहा है, खेद है
तो
सूलियां ही हर जगह पर हैं निजामों की निशान
और
हर जगह पर फांसियां लटकाये जाते हैं गुलाम
हर
जगह पर औरतों को मारा-पीटा जा रहा है
खोदा-गाड़ा जा रहा है
जिन्दा
जलाया जा रहा है
और
हर जगह पर फूल हैं
और
हर जगह आंसू बिछे हैं
और
ये कलम है
सरहदों
के पार भी नगमे लिखे हैं
तो
आप को बतलाऊं मैं इतिहास की शुरुआत को
और
किस लिए बारात दरवाजे पे आई रात को
और
ले गई दुल्हन उठाकर
और
मंडप को गिराकर
और
एक दुल्हन के लिए आये कई दूल्हे मिलाकर
और
जंग कुछ ऐसा मचाया
कि
तंग दुनिया हो गयी
और
मरने वाले की चिता पर
जिन्दा
औरत सो गयी
और
तब बजे घड़ियाल
पंडित
शंख घंटे घनघनाये
और
फौजों ने भोपू बजाये
और
पुलिस ने तुरही बजाये
और
मंत्रोच्चारण ये हुआ कि मंगलम औरत सती हो
और
जीते जी जलती रहे जिस भी औरत के पति हो
और
तब भरे बाजार
और
बाजार में सामान आये
और
बाद में सामान की गिनती में खुद इंसान आये
तो
बगदाद और बदख्शां में खुल्ला बिकते थे गुलाम
सीरिया
और काहिरा में पट्टा होते थे गुलाम
और
बेतलहम येरूसलम में रेहन होते थे गुलाम
और
रोम में और काकुआ में गिरवी होते थे गुलाम
और
मंचूरिया शंघाई में नीलाम होते थे गुलाम
और
मगध कोशल काशी में बेनामी होते थे गुलाम
और
सारी दुनिया में किराये पे उठते थे गुलाम
पर
वाह रे मेरा जमाना
और
वाह रे भगवा हुकूमत
कि
सरे बाजार में खैरात बँटते हैं गुलाम
तो
लोग कहते हैं कि लोगों पहले तो ऐसा न था
पर
मैं तो कहता हूँ कि लोगों कब कहाँ कैसा न था
तो
दुनिया के बाजार में सबसे पहले क्या बिका था
तो
सबसे पहले दोस्तों वो
वो
बन्दर का बच्चा बिका था
बन्दर
का बच्चा बिका था
और
बाद में तो डार्विन ने सिद्ध बिल्कुल कर दिया
कि
वो जो था बन्दर का बच्चा बन्दर नहीं था
आदमी
था.
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