Saturday, February 13, 2016

घर-बार छोड़कर संन्यास नहीं लूंगा


घर-बार छोड़कर संन्यास नहीं लूंगा

-विनोद कुमार शुक्ल


घर-बार छोड़कर संन्यास नहीं लूंगा
अपने संन्यास में
मैं और भी घरेलू रहूंगा
घर में घरेलू
और पड़ोस में भी.

एक अनजान बस्ती में
एक बच्चे ने मुझे देखकर बाबा कहा
वह अपनी माँ की गोद में था
उसकी माँ की आँखों में
ख़ुशी की चमक थी
कि उसने मुझे बाबा कहा
एक नामालूम सगा.