Tuesday, February 23, 2016

इसके कुएं में जातिवाद की पुड़िया छोड़ी जाती है रोज़


देख तेरे स्कूल की हालत
-संजय चतुर्वेदी

वह जो दूसरी लाइन में दाएं से तीसरा बैठा है
वह साम्प्रदायिक है
और सबसे पीछे बाएं से सातवां फ़ाशिस्ट
बाक़ी हमारी क्लास में तो सभी धर्मनिरपेक्ष और जनवादी हैं
हां, नीचे ग्राउंड फ़्लोर पर पेड़ के सामने जो कमरा पड़ता है
उसके ज़्यादातर लड़के सरस्वती को गालियां देने का विरोध करते हैं

नाम सुनने में साम्प्रदायिक लगता है इस स्कूल का
लेकिन इमारत देखने में धर्मनिरपेक्ष है
इसके ज़्यादातर मास्टर राष्ट्रवादी हैं
लेकिन हमारा मिशन अंतर्राष्ट्रीय है
एक साईकिल पर भी आता है धोती-कुर्ता पहनकर
आप समझ ही गए
वह फ़ंडामेंटलिस्ट है

इसके कुएं में जातिवाद की पुड़िया छोड़ी जाती है रोज़
लेकिन इसकी टॉयलेट से प्रगतिशीलता की बू आती है
और झंडे के लिए जो डंडा लगा है बीच मैदान में
वह भगवान की तरफ़ इशारा करता है.

(1990)

No comments: