Tuesday, February 9, 2016

प्रेम का कोई ज़िक्र नहीं किया गया


सीख

 

-आदेलिया प्रादो

 

मेरी माँ सोचा करती थी कि

पढ़ाई करना दुनिया की सबसे शानदार शै होती है.

ऐसा नहीं है.

दुनिया की सबसे शानदार शै होती है महसूस करना.

उस रात पिताजी ओवरटाइम कर रहे थे,

माँ ने मुझसे कहा:

“बेचारे,

इतना बज गया और अब तक इतनी मेहनत करनी पड़ रही है उन्हें.”

उन्होंने डबलरोटी और कॉफ़ी तैयार की, और गरमपानी से भरी एक देगची

को चूल्हे पर रख छोड़ा था.

प्रेम का कोई ज़िक्र नहीं किया गया.


ऐश-ओ-आराम का वो लफ्ज़.

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