Tuesday, February 9, 2016

और मैं करती हूँ इंतज़ार


विनाशकारी आकर्षण

 

-आदेलिया प्रादो

 

नौजवान लड़कों की ताज़े नीबुओं के तीखे स्वाद जैसी

ख़ूबसूरती से तकलीफ़ होती है मुझे.

मैं लगती हूँ एक ध्वस्त होती अभिनेत्री की मानिंद

मगर लैस हूँ इस इल्म से, असल में मैं हूँ

एक ताकतवर राडार वाली औरत.

सो जब वे मेरे आरपार देखते हैं

जैसे कह रहे हों – पेड़ की अपनी टहनी से चिपकी रहो,

मैं सोचने लगती हूँ – मैं सुन्दर हूँ लेकिन किसी बछड़े जैसी. वे किसी काम के नहीं मेरे लिए.

मैं इंतज़ार करूंगी जब तक कि वे अनिर्णय तक नहीं पहुँच जाते. और मैं करती हूँ इंतज़ार.

ठीक जब वे उसके उलट यकीन करने लगते हैं

मेरी जेब में होते हैं

सारे के सारे  

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