Tuesday, March 1, 2016

तोरे प्रेम से सिमरूं हरदम, मनमंदिर मोरे श्याम


कबाड़खाना एक्सक्लूसिव.

बाबा नुसरत फ़तेह अली ख़ान से सुनिए यह बहुत ही कम सुनी गयी रचना -

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