Thursday, July 7, 2016

इसे मोहन जोदड़ों की ईंटों से चुना जा सकता है

वक़्त उनका दुश्मन है
-अफ़ज़ाल अहमद सैय्यद


वो किसी गैलिलियो का इंतिज़ार नहीं कर रहे हैं
एक बड़ी घड़ी तैयार करने के लिए
जिसे शहर की एक यादगारी दीवार में नस्ब किया जा सके 

इस ख़ला में
हमारी तारीख़ की अक्कासी के अलावा
ख़वातीन के आलमी दिन पर 
झूला डाल सकता है

चीनी ताएफ़ा
बाँस से उछल कर इस में से गुज़र सकता है
इस में
एक लाश को मुख़्तसर कर के लटकाया जा सकता है 

इसे मोहन जोदड़ों की ईंटों से 
चुना जा सकता है

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